तुम ठहराव हो...
कस्तूरी सी सुबह
सतरंगी सी शाम
दिल की तंग गलियों में
लिखा तेरा नाम
कोई भी सीढ़ी हो
तुम उसके पहले पड़ाव हो
ज़िन्दगी के उतार-चढ़ाव में
तुम ठहराव हो
रहूँ साथ तेरे उम्र भर
ऐसी खवाहिश नहीं मेरी
जेहन में रखना
कुछ ऐसी तलब है तेरी
नशा उतरे न कभी
वैसी उम्दा शराब हो
ज़िन्दगी के उतार-चढ़ाव में
तुम ठहराव हो
लगे मीठी फरवरी में
वो सौंधी-सौंधी धुप तुम
श्रृंगार करूँ लाखों के
पर मेरा रूप तुम
गुनगुनाओ जिसे दिन-रात
तुम वो अलाप हो
ज़िन्दगी के उतार-चढ़ाव में
तुम ठहराव हो
beautiful!!!
ReplyDeleteI wanna Create a Fanpage for You Can I.....????
ReplyDeleteSpeed of light jaisee zindgi ki raftaar mein thehraav ka zikr bohot rare par umda hai. Shukriya tehraav ki ore modne ko! 😊
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