Rewind - December 2020
2020 is over - finally. And this year has taught us a lot. One of the learnings of this year - I have to write every day for my sanity. And hopefully, in 2021, I will. This is what I wrote in December 2020: Date Content 12/07/2020 मेहनत कीजिए हाथ पे हाथ रख के बैठने से हाथों की लकीरें नहीं बदलती 12/09/2020 र रात सोने से पहले तुझे याद करना ये इश्क़ कम इबादत ज़्यादा लगती है 12/12/2020 उसके कहने पे सिगरेट छोड़ दी जब उसने छोड़ दिया तो बचे हुए लाइटर से उसके ख़त जलाता हूँ तिल-तिल खुद मर रहा हूँ पर चिता इश्क़ की सुलगाता हूँ 12/15/2020 मैं, तुम और थोड़ी खामोशी शाम बिताने के लिए और क्या चाहिए? 12/17/2020 She has fought enough demons Lived in hell for far too long To be scared by men around her 12/19/2020 आज भी जब कोई घर का पता पूछता है ज़ुबान पे तेरा ही नाम आता है 12/24/2020 आँखें नम होने पे ख़ुश हो जाती हूँ चलो आज भी कुछ एहसास बाक़ी है मुझमें 12/26/2020 Some people don’t say ‘I love you’ out loud. They share the last bite of food with you. Wait for you patiently outside your office as you ...