Rewind - April 2021

 It has been a hell of a month! There were a lot of personal milestones but as far as writing is concerned I wrote the following:

Date

Published

04/01/2021

तेरे ख़ास होने का एहसास

कुछ यूँ हुआ

जिस दिन से तुने हाल नहीं पूछा 

मैं बेहाल सी बैठी हूँ

04/03/2021

मुझे आज भी याद है तेरा हलके से मुस्कुराना

और सुस्त दोपहर में मेरे काँधे पे गिर जाना

04/07/2011

मशहूर फ़िल्मी गाने जैसा इश्क़ अपना

शहर में हर किसी की ज़ुबान पे है

04/08/2021

कमबख़्त कैसा अँधा प्यार है

जिसने दिल तोड़ा

दिल उसी के गले लग के

रोने को बेकरार है



Comments

Post a Comment

Bricks, brickbats, applause - say it in comments!

Popular posts from this blog

Rewind - September 2023

यूँ दो चार घंटे के लिए नहीं

I Am Not Alone