Rewind - May 2021
I am disappointed. I shall write more and cover more emotions. Hopefully will do it now.
I am disappointed. I shall write more and cover more emotions. Hopefully will do it now.
Date | Published |
05/03/2021 | तुम किसी मोड पे थाम लो मेरा हाथ बस इसी आस में ज़िंदगी का सफ़र क़ायम है |
05/05/2021 | रिश्तों में मिलावट है तो दारु में क्यूँ करें साली ज़िंदगी में कोई चीज़ तो नीट हो |
05/09/2021 | बन के चिट्ठी कभी तेरे घर पे आऊँ और तुम मेरा हाल-ए-दिल पढ़ लेना |
05/12/2021 | बहुत अफ़सोस की बात है कि हज़ारों चिताएँ जल रही हैं और कुछ लोग उनपे अपने हाथ सेंक रहे हैं |
05/14/2021 | Pain, misery and sorrow are better teachers than books can ever be. |
05/24/2021 | कि तुम्हें महसूस करने की शिद्दत समझ लो हम खाली बिस्तर पे फेर लेते हैं उंगलियाँ |
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