Rewind - October 2021
Here we are in November. This year was tough. Tougher than freaking 2020. And I survived it. This is what I wrote in October.
Here we are in November. This year was tough. Tougher than freaking 2020. And I survived it. This is what I wrote in October.
Date | Published |
10/03/2021 | उसे दारू की कड़वाहट भी शहद लगती है जिसने ज़हर सा इश्क़ पीया हो |
10/07/2021 | तुम वापिस लौट के मत आना इतनी ख़ुशी मुझसे बर्दाश्त नहीं होगी |
10/14/2021 | जो तुम बहाओ दो आँसू और ना लगे उसे समंदर ऐसे आशिक को तो क़सम से डूब मरना चाहिए |
10/17/2021 | पैसा, रिश्ते, शौहरत तक तो ठीक था पर तूने जो मासूमियत छीन ली ऐ ज़िन्दगी अच्छा नहीं किया |
10/21/2021 | किसी और के साथ फोटो डाल के तुम्हें जलाना हाय ये सारी इश्क़ की आफ़तें |
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