Insanely busy August ended on a positive note. It makes me belief in the timing of the universe. And on writing front, I wrote the following. I am hoping I can soon return to a normal routine and find time to write more Hindi poetry.
Date | Published |
08/05/2023 | ज़िन्दगी के उस पड़ाव पे है जहाँ दिखावे की फ़िक्र नहीं और खरा सच बोलने का जिगरा रखते हैं
वो गले लगाए और बरसों के दुख हल्के हो बस ऐसे इश्क़ का इंतज़ार आज भी है |
08/07/2023 | हवा किस तरफ रुख़ बदलेगी ये सिक्कों की खनक बताती हैं |
08/17/2023 | किसी भी भाषा में इश्क़, इश्क़ ही होता हैं और धोखा ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सबक़ |
Love,
Saru
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